Maithilisharan Gupt
मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ’यशोधरा’ हिंदी साहित्य की एक प्रसिद्ध काव्य रचना है। यह 1933 में प्रकाशित हुई थी। इस काव्य में, गौतम बुद्ध के गृह त्याग की कहानी को यशोधरा के दृष्टिकोण से दर्शाया गया है।
’यशोधरा’ में यशोधरा की भावनाओं और उनके त्याग को बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। गुप्त जी ने यशोधरा के मन की पीड़ा, उसके त्याग और उसके धैर्य को बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया है।
इस काव्य में, यशोधरा के चरित्र को एक मजबूत और सहनशील महिला के रूप में चित्रित किया गया है। वह अपने पति के निर्णय का सम्मान करती है और अपने पुत्र राहुल की देखभाल करती है।
’यशोधरा’ हिंदी साहित्य की एक महत्वपूर्ण रचना है। यह काव्य नारी के त्याग और धैर्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।